Lyrics

आ, दिल की बात करें
कुछ मैं बोलूँ, कुछ तुम भी बताना
है धोके-बाज़ ये दुनिया
दौलत का भूका है ज़माना

सन्नाटों में भी बेईमानी का शोर है
सच्चाई के आगे पैसे का बस ज़ोर है

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ऐ दिल, बता तेरा है क्या इरादा?
क्यूँ तेरी हुई ये इंतिहा?
बंजारा बन के फिर रहा
छूटा है क्या यहाँ?
ना कोई है तेरा, whoa-oh

कहने को साथ हैं तेरे सभी
पर चेहरे हैं हज़ारों
आँखों में डाल के आँखें कहते हैं
मुझे अपना मानो

इनके मन के भी कोने में एक चोर है
तू भोला-भाला, तुझ पे लूटेरों का ज़ोर है

ऐ दिल, बता तुझे है क्या उम्मीद?
अब यहाँ तू कैसे जी रहा?
तेरी ना कोई सुन रहा
घुट के यूँ मर रहा
चल दूर कहीं उड़ जा, whoa-oh

तलाश ले तू ख़ुद को
छुड़ा ले इस ज़िंदाँ से ख़ुद को
मंज़िल ज़्यादा दूर नहीं
तू क़दम बढ़ा तो सही

मर-मर के जी रहा
ख़ुद में मैं ना रहा
सपनों का, ख़्वाहिशों का
क्या तेरा, ना मेरा

मैं ख़ुद से अजनबी
ढूँढूँ ख़ुद को हर घड़ी
फिरता दर-ब-दर मैं फिर भी
ख़ुद को मिलता नहीं

सुन मेरे दिल
किस बात का तुझ को ग़म?
तू ख़ुद में तूफ़ाँ से क्या कम?
तेरे हाथ तेरी तक़दीर
तू ही तेरा हमसफ़र

क्यूँ आँखें नम होती तेरी?
ठहरता क्यूँ नहीं? मंज़िल कहाँ तेरी?
आ, बैठें साथ अब कहीं
अकेला मैं नहीं, यादें किसी की, ओ-ओ

आ, दिल की बात करें...
आ, दिल की बात करें...

Writer(s): Ankit Kumar, Keval Walanj, Vipul Shivalkar

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