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उजले बाज़ के सपनों से क्यों यारी हो गई रे?
उजले बाज़ के सपनों से क्यों यारी हो गई रे?
पिंजरे में थे बंद
पिंजरे में थे, उड़ने की तैयारी हो गई रे
मायरी
मैं इक शिकरा यार बनाया, ओ
एक उड़ारी
एक उड़ारी ऐसी मारी, हो
लौट के फिर ना आया
इधर उड़े कभी उधर उड़े
हम थके पंखे के संग रे
इधर उड़े कभी उधर उड़े
हम थके पंखे के संग रे
क़ैद हुए थे हम
क़ैद हुए थे हम, क़ैद से यारी हो गई रे
उजले बाज़ के सपनों से क्यों यारी हो गई रे?
गर फ़िरदौस बर्-रूए-ज़मीं अस्त
गर फ़िरदौस बर्-रूए-ज़मीं अस्त
हमीं अस्त, हमीं अस्त, हमीं अस्त
हमीं अस्त, हमीं अस्त, हमीं अस्त
हमीं अस्त